Ship Garbage Waste: जहां कहीं भी इंसान रहते हैं, वहां किसी भी तरह का कचरा पैदा करना स्वाभाविक है, चाहे वह आपका घर हो या जहाज सभी जगह कचरा जरूर होता है। लेकिन इन दोनों जगहों पर कचरा प्रबंधन करना अलग अलग नियम है। इस सारे कचरे का प्रबंधन करना जहाज पर थोड़ा नहीं बहुत मुश्किल है कभी कभी कचरा प्रबंधन के लिए बहुत सारे पैसे खरचने पड़ते हैं। यह घर जैसा नहीं है जहां रोज कोई न कोई कूड़ा उठाने आता है।
जहाज पर विभिन्न प्रकार के कचरा – different types of garbage on Ship
हमें इस कचरे के प्रबंधन के लिए अलग-अलग तरीके अपनाने होंगे और सच कहूं तो कचरा खुद ही कई तरह का होता है।
प्लास्टिक, खाद्य अपशिष्ट, क्रॉकरी, कागज आदि प्रकार के कचरे को जब भी आप क्रीमेटोरिअम में जलाते हैं तो क्रीमेटोरिअम राख पैदा करते हैं, बैटरी और अन्य प्रकार के कचरा होते हैं। हमारे पास कचरे की श्रेणियों की बारीकियों में जाने के बिना, मैं आपके लिए चीजों को सरल रखने की पूरी कोशिश करूंगा।
आज की इस कचरे की कहानी में जो मैं आपको बताने जा रहा हूँ, कि हर तरह के कचरे का प्रबंधन कैसे किया जाता है और जैसे-जैसे पोस्ट आगे बढ़ेगी आपको भी पता चल जाएगा। जहाज पर किस प्रकार का कचरा पैदा होता है.
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जहाजों पर कचरा कैसे पैदा होता है – How is garbage generated on ships
सबसे पहले, आइए बात करते हैं कि जब भी जहाज पर खाना आदि जैसे सामान आते हैं तब कचरा कैसे उत्पन्न होता है और भोजन में हमेशा कुछ पैकिंग सामग्री शामिल होती है।
जहाज पर खाने का कचरा – food waste on ship
हमारा पहला काम जहाज के बाहर से आने वाले खाने, कलपुर्जों के कचरे का प्रबंधन करना रहता है। प्रबंधन का मतलब है कि जैसे ही जहाज पर खाना आदि प्राप्त होता है सबसे पहले उन सभी का पैकिंग जैसे कि कार्टन प्लास्टिक आदि को निकाल लेते है। उसके बाद निकला हुआ कचरा वापस पैकिंग करके सामान लाये हुए जहाज को वापस कर देते हैं।
लेकिन पैकिंग का कचरा वापस करने के बाद भी हमारे पास और कचरा बचा रह जाता है। उसे जहाज पर रखना आवश्यक हो जाता है। क्योंकि जो खाना या सामान आया उसे स्टोर करके रखना भी जरुरी है। भोजन आदि को जहाज पर मौजूद कर्मचारी जब इस्तेमाल करते है तो उसके बाद छोटे बड़े पैकेट से भी कचरा एकत्रित होता है।
जहाज इंजन का कचरा – ship engine waste
इंजन तेल से चलता है, इंजन रूम में बहुत सारी मशीनरी काम कर रही होती हैं। उन सभी में चिकनाई वाले तेल इस्तेमाल होते हैं। जहाज के इंजन रूम में भाप भी बनता है और अतिरिक्त पानी का उत्पादन होता है। इन सभी से एक अलग प्रकार का कचरा उत्पन्न होता है। हमें उन सभी कचरे को इंजन रूम से हटा कर एकत्रित करना होता है। उस कचरे को इंसीनरेटर में जलाया जाता है उसके बाद राख में बदल जाती है।
जहाज पर छोटे बड़े डेंटिंग पेंटिंग हमेशा होती रहती है। यह इसलिए होता है कि जहाज के जंग को हटा दिया जाये। इन सबसे भी एक प्रकार का कचरा जहाज पर पैदा होता है। अन्य प्रकार के कचरे जैसे कि दवा का कचरा, बैटरी का कचरा, बल्ब, और ट्यूब लाइट का कचरा जहाज पर होता रहता है।
कचरे का प्रबंधन – waste management
हम जहाज के कर्मचारियों के द्वारा उत्पन्न कचरे का प्रबंधन करने का प्रयास करते हैं। इन कचरों को कचरा रूम में स्टोर करते रहते हैं। हम सभी केबिन में कचरा डिब्बा रखवाते है जिससे कि कचरा इधर उधर ना फैले, और ध्यान देते हैं कि कौन सा कचरा किस बॉक्स में जाएगा। कचरे को फिर एकत्रित करके कचरा रूम में डाल दिया जाता है।
जहाज पर कूड़ादान के प्रकार – types of trash cans on ship
जहाज पर कचरा के लिए चार से पांच प्रकार के कूड़ेदान का इस्तेमाल करते है। जैसे जहाज के रसोई में दो प्रकार के कूड़ेदान का इस्तेमाल किया जाता है। पहला जिसमें खाने के पैकेट आदि को डाला जाता है। दूसरा बचे हुए खाने और तरल कचरा डाला जाता है।
तीसरा कूड़ादान में प्लास्टिक का कचरा का प्रबंधन किया जाता है। चौथे कूड़ेदान में जहाज के इंजन रूम से निकला हुआ कचरा डाला जाता है। और पांचवे कूड़ेदान में इलेक्ट्रिक आइटम जैसे बल्ब, बैटरी, स्विच, आदि के कचरों का प्रबंधन किया जाता है।
जहाज का कचरा लॉकर – ship’s trash locker
यह जहाज का वह स्थान होता है, जहाँ अलग अलग किये हुए कचरे को इकठा किया जाता है। रसोई के कचरे को अलग स्टोर किया जाता है, जहाज के इंजन रूम के कचरे को अलग स्टोर किया जाता है। और इलेक्ट्रिक आइटम से जो कचरा उत्पन्न हुआ है उसे अलग स्टोर रूम में रखा जाता है। इस हम जहाज का कचरा लॉकर कहते हैं।
जहाज में रसोई कचरे का प्रबंधन – kitchen waste management on board ship
जहाज का मुख्य खाना बनाने वाला यहाँ जब खाना बनाने आता है तब अलग अलग तरह के कचरा पैदा होते है, जैसे सब्जियों के छिलके, अण्डे का छिलका, चिकन की हड्डियाँ आदि प्रकार garbage इकट्ठा होता है।
मारपोल द्वारा निर्धारित नियम के अंदर हमें रसोई के कचरों का प्रबंधन करना पड़ता है। कचरा प्रबंधन का नियम है कि जमीन से तीन मिल से अधिक दूर रहते है तब बचे हुए खाने को पीस कर समुन्द्र में उस कचरे का प्रबंधन कर सकते है।
समुन्द्र में मारपोल का नियम – rules of mar pol at sea
समुन्द्र में कचरा प्रबंधन का विशेष नियम है जिसे मारपोल नियम कहा जाता है। मारपोल नियम के अनुसार जहाज के कचरा प्रबंधन के लिए विशेष क्षेत्र निर्धारित किये गए हैं।
हम समुंद्री कचरा डिस्पोजर का उपयोग करके बचे हुए खाने के garbage का निपटान कर सकते है। इसके लिए हमें एक बात का ध्यान रखना होता है। कि हम जमीन से कम से कम तीन समुंद्री मील दूर समुन्द्र में होना चाहिए और हम एक किसी के विशेष क्षेत्र में नहीं होने चाहिए।
जहाज का इंसीनरेटर क्या है – what is a ship’s incinerator
जब भी सारा कचरा अंत में इकट्ठा हो जाता है, तो हम पैदा होने वाले कचरे की मात्रा को कम करने के लिए जो कुछ भी संभव है उसे जलाने की कोशिश करते हैं।
जब जहाज पर इकट्ठा हुए कचरा बहुत ज्यादा हो जाता है तब उसे जलाया जाता है। जिससे garbage कम हो जाता है। इस जलाने की विधि को इंसीनरेटर कहा जाता है।
इंसीनरेटर का उपयोग कंपनी और मारपोल के द्वारा बनाये गए नियम के अनुसार किया जाता है। जो मैनुअल निर्धारित किया जाता है वही इसमें जलाया जा सकता है।
सब कुछ जो मुख्य रूप से जलाया जाता वह राख में बदल जाता है, इस राख की मात्रा garbage की मूल मात्रा से बहुत कम होती है।
नावों के द्वारा कचरा प्रबंधन – waste management by boats
जब भी हम किसी पोर्ट को कॉल कर रहे होते हैं तो हम हमेशा उन्हें एक ईमेल भेजते हैं जिसमें बताया जाता है कि हमारे पास जहाज पर कितना garbage है और इतना कचरा है कि हम कचरा निपटान के लिए राख को भेजना चाहते हैं और फिर वे हमें उनका भुकतान करना पड़ता है कभी कभी यह $300, कभी $400, तो कभी $500 है वास्तव में 20 या 25 दिनों में उत्पादित कचरे के लिए बहुत अधिक भुगतान किया जाता है।
फिर हम अपना कचरा नाव को देते हैं, नाव सभी कचरे को किनारे पर ले जाती है और इन सभी तरीकों का उपयोग करके हम जहाज में कचरे का प्रबंधन करते हैं।
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